सोनमाई मंदिर में तांत्रिक मेला शुरू

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महोत्तरीके प्रसिद्ध शक्तिपीठ सोनमाई मन्दिरमे तांत्रिक मेला शुरु भेल अछि । परम्परा के अनुसार औरही नगरपालिका-७ भोइल स्थित मंदिर में आई नवरात्रि के पांचवें दिन तांत्रिक मेला शुरू भेल अछि | स्थानीय लोक एकरा ‘भूतमेला’ सेहो कहैत छथि । नवरात्रिक पंचमी सँ नवमी तिथि धरि चलयवला एहि पावनि मे दुष्टात्मा द्वारा सताओल गेल भक्त लोकनि भगवती सँ राहत लेल पुकारैत छथि | मानल जाइत अछि जे एहि तरहेँ बजौलाक बाद दुष्टात्मा चलि जायत । मंदिर के मुख्य पुरोहित केदार झा के कहना छै कि जे लोग सालों स॑ भूत, भूत, चुड़ैल आरू जादू-टोना स॑ सताबै छै, जे जीवन-मरण के कगार प॑ छै, मंदिर के सीमा क्षेत्र म॑ प्रवेश करतें ही वू लोगऽ क॑ देखाबै छै असामान्य गतिविधि जेना कानब, हँसब, आ मुख्य मंदिर पहुँचलाक बाद ठीक भ’ क’ घर वापस आबि जाइत छथि | पंचमी स नवमी तक आयोजित एहि मेला मे मधेश प्रांत क समूचा आ पड़ोसी भारत क सीतामढ़ी, मधुवानी, चंपारण, शिवहर आ मुजफ्फरपुर जिला स सेहो श्रद्धालु क भीड़ एहि मे अबैत छथि । एकरा तंत्र साधना के लेल सेहो उपयुक्त अवसर मानल जाइत अछि | तंत्रमन्त्र, तुनामुना सीखय चाहय वाला बहुत लोक सेहो एतय गुरु के मदद सं एहि विधि के अभ्यास करैत छथिन्ह. पुरोहित झा के अनुसार एतय तंत्र साधना करय वाला गुरु मानव कल्याण के सबसँ पहिने राखि साधना करब सिखाबैत छथि | हुनकऽ कहना छै कि सोनमाई शक्तिपीठ प॑ दर्जनों धामीजंक्री दिन-राति भजनकीर्तन आरू भूत भगाबै के काम म॑ डूबलऽ रहै छै, आरू ई मानलऽ जाय छै कि ई दौरान माँ दुर्गा सीधा यहाँ बैठी क॑ पीड़ितऽ के दुख स॑ मुक्ति दै छै । एकटा लोक मान्यता अछि जे एक बेर पीड़िता मायक महल मे पहुँचि गेलाक बाद जीवन मे फेर कहियो पीड़ितक शरीर पर एहि तरहक प्रभाव नहि पड़त ।

मेला के पारंपरिक आ सांस्कृतिक महत्व के बावजूद नव पीढ़ी के युवा सब के कहनाय छनि जे भूत मेला सं जुड़ल जादू-टोना आओर कथित दुष्टात्मा सिर्फ भ्रम अछि. भले ही बदादासाई पावनि के दौरान देवी दुर्गा के महत्व पर प्रकाश डालना आरू मातृसत्ता के प्रति श्रद्धा पैदा करना एगो उन्नत संस्कार छै