आब बेरुजू कए शून्य बना देल जाएत : मुख्यमंत्री यादव

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जनकपुरधाम- मधेशक मुख्यमन्त्री सरोज कुमार यादव संघीयता महग भऽ गेल कहब गलत बतौलनि । जतेक गड़बड़ी अछि ओतेक बदनाम करबाक प्रयास बेसी भेल अछि। ओ कहला जे आगामी ऑडिट मे बेरुजु कए शून्य बनेबाक सोचि रहल छथि। मुख्यमंत्री यादब आइ ऑडिट, बेरुजु फचर्योत आ ऑडिट स जुड़ल चर्चा आ बातचीत कार्यक्रम मे मधेश प्रदेश संघीयता क जननी रहल बतौलनि आ जनता कए अनुभूति करबाक तरीका स काज करबा लेल आगू बढ़बाक उल्लेख केलथि। कावा महालेखा परीक्षक महेश्वर काफ्ले सात प्रांत आ देश के तथ्य प्रस्तुत करैत समग्र देश के वित्तीय स्थिति पर प्रकाश देलनि। सरकारी काज नीक नहि अछि । सरकार के तीन स्तर के बीच कोनो समन्वय नहिं अछि. अर्थव्यवस्थाक सूचकांक नीक नहि अछि । उत्पाद एकर लायक नहि अछि । लोक प्रशासन मे कोनो सुशासन नहि अछि । ओ कहला जे मौजूदा संसाधन क ​​सदुपयोग नहि कैल गेल अछि। ओ कहला जे २०७८/७९ मे सात प्रदेसमे १२१८ कार्यालय क ऑडिट भेल आ ७अरब५ करोड़ क नुकसान भेल ।
ओ कहला जे ३५प्रतिशत समझौता करब स्वीकार्य नहि हेबाक जिक्र करैत ओ मधेश प्रान्त कए राजकोषीय अनुशासित प्रदेश बनेनाइ फलदायी होएत सेहो विचार व्यक्त केलथि। उप महालेखा परीक्षक बिंदु बिस्ता न॑ बेरुजू म॑ गिरावट के मामला के जिक्र करतें हुअ॑ कहलकै कि खाली बेरुजू प॑ ध्यान दै के बजाय अच्छा चीजऽ क॑ “प्रचार” करलऽ जाय । संगहि ऑडिट कमेटी कए सक्रिय रहबाक सुझाव सेहो देलथि। मधेश प्रदेशके मुख्य सचिव दिनेश कुमार घिमिरे लेखा अधिकारीके व्ययके निगरानी तथा वित्तीय अनुशासनके पालनमे ध्यान देब बटैलै । एहि अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय दिस स सचिव रामकृष्ण पुदासैनी मधेश प्रांत क बारे मे प्रस्तुति देलथि, जखन कि प्रांतीय लेखा नियंत्रक बीरेन्द्र कुमार मिश्र प्रांत क वित्तीय गतिविधि क रिपोर्ट महालेखा परीक्षक काफ्ले कए सौंपलथि।